आज विश्व के साथ पूरा हिन्दुस्तान Corona Virus के चपेट में आ चूका है | इस वायरस की चपेट में सबसे पहले चीन के वुहान के लोग प्रभावित हुए और देखते ही देखते पुरे विश्व में फ़ैल गया | अब भारत के 22 राज्य इस खतरनाक कोरोना के चपेट में आ चुके हैं | सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है जहाँ 374 मामले रिपोर्ट में आये हैं | पुरे भारत में दिनांक 22 मार्च दोपहर तक 345 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं | कोरोना से प्रभावित लोंगों की तादात बढती जा रही है (रिपोर्ट लेखे जाने तक )
इस खतरनाक महामारी को भारत में फैलाने के लिए मात्र कुछ लोग ही जिम्मेदार हैं | विदेशो से जितने लोग भारत आये है उन्ही लोगो के माध्यम से यह कोरोना वायरस भारत में प्रवेश किया है शुरवाती समय में ही विदेशों से आने वाले लोंगों की गंभीरता से जांच की जाती और इन के स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाती तो संभवतया इतनी विकराल समस्या नहीं होती |
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कोरोना के फैलने के कारण – विदेशी सैलानी और विदेश से आने वाले भारतीय
रोजीरोटी के लिए बाहर गये भारतीय , भारतीय विद्यार्थी तथा विदेशी टूर से भारत आने वाले भारतीयों और सैलानियों की संख्या बहुत कम है | अगर एअरपोर्ट को अपने रूटीन चेकिंग से हटकर अलग विदेशों से आने वाले सभी लोंगों की स्पेशल चेकिंग की जाती तो कोरोना के फैलाव को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता था |
हम भारत के आम लोग विदेश जाने वाले या विदेश में पढने वालों को बड़ी इज्जत से देखते हैं | हमें लगता है कि विदेश प्रवास से आने वाले लोंगों में नैतिकता ज्यादा होती होगी | अंग्रेजी में कहते हैं intellectual लोग , लेकिन ये फोरेन रिटर्न पढ़े लिखे कुछ लोंगों की लापरवाही की वजह से भारत को 21 दिनों की लॉक्ड डाउन की स्थिति में आना पड़ा है | सब कुछ जानते हुए कि कोरोना दुनिया की खतरनाक संक्रामक वायरस है | इसकी कोई दवाई नहीं बनी है, अभी तक कोरोना के विषय में यही माना जा रहा है | कई हाई प्रोफाइल हिन्दुस्तानी, भारत में आकर घर में छिप गए | इनके परिवार के लोगों को सारी सच्चाई पता होने के बावजूद, परिवार के लोगों ने भी छिपाने की कोशिश की | इनको पता था कि विदेश के कोरोना प्रभावित एरिया से आये है और कोरोना की चपेट में आ चुके हैं | इसके बावजूद बिना किसी को बताये गुपचुप तरीके से अज्ञात जगहों में स्थिति सामान्य होने की इन्तजार में दुबके रहते हैं | जब तक कि पूरी तरह से कोरोना वायरस के गिरफ्त में नहीं आ जाते हैं | भारत में कई सेलिब्रेटी, राजनेता, व्यापारी और उच्च शिक्षा हेतु विदेश में पढने वाले, संभ्रांत अमीर लोग कोरोना वायरस के बारे में जानने के बाद भारत आये , छिप गए और इनके वजह से सम्पूर्ण भारत कोरोना के कहर से घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गया है | ऐसे लोंगो को सजा होनी चाहिए | आपको आश्चर्य होगा जितने भी तथाकथित सभ्य कुलीन लोग विदेश भ्रमण कर भारत लौटे हैं लोंगों को सच्चाई से बेखबर रखा | इन्ही की गलती के कारण भारत के अनगिनत लोग कोरोना के चपेट में आ चुके हैं |
कुछ लोंगो का कहना है Corona Virus उड़ कर भारत में नहीं आया है | वायरस को फैलने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है | बाहर से आये लोगों ने कोरोना के लिए वाहक का काम किया | यदि एअरपोर्ट से ही संक्रमित व्यक्ति या विदेश से आने वाले सारे यात्री को एक सुरक्षित जगह पर ले जाकर अलग सेल में रखकर जांच की जाती और उन सबको सप्ताह भर रखने के बाद पूरी मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद घर भेजा जाता तो शायद आज भारत में ऐसी स्थिति नहीं होती |
कोई रोड में ना निकले- लॉक डाउन भारत
22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू का ऐलान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया था | उसी समय आम लोगों को महसूस होने लगा था की जरुर आगे विपदा आने वाली है | इसीलिए सभी भारतीयों ने 22 मार्च के जनता कर्फ्यू को सफल बनाया | फिर दिनांक 24 मार्च 2020 को शाम 8 बजे प्रधानमंत्री जी ने 21 दिन के लिए पुरे भारत में लॉक डाउन घोषित कर दिया | प्रधानमंत्री के घोषणा से स्पष्ट हो जाता है कि भारत कोरोना वायरस महामारी के दहशत से वाकिफ है और इससे लड़ने के लिए जो एहतियात जरुरी हैं करने के लिए तैयार है | क्योंकि इस महामारी की अभी तक कोई दवाई नहीं बनाई जा सकी है | अभी इस बिमारी की बचाव के लिए ह्यूमन कांटेक्ट को बिलकुल बंद करना पड़ेगा | प्रधानमंत्री के आव्हान जहाँ हो वहीँ रुक जायो ( कोई रोड में ना निकले ) इस सिस्टम को कड़ाई से पालन करना होगा |
गली गली में कोरोना वायरस के विशेषज्ञ
अभी भारत में गली चौराहों में कोरोना वायरस के विशेषज्ञ मिल जायेंगे | पता नहीं कहाँ कहाँ से इनको जानकारी मिल जाती है | सोशल मिडिया में अफवाह बड़ी चतुराई से जानकारी के रूप में आपको बहकाने में लगी हैं | इससे सावधान रहने की जरुरत हैं | सोशल मीडिया की सलाह को किसी भी स्थिति में प्रमाणिक नहीं माना जा सकता है | डॉक्टर की सलाह ही सर्वोपरि है | अभी की स्थिति में सिर्फ घर में बंद हो जाना ही बेहतर उपाय है |
गरीबों के जीवनयापन के लिए कठिन समय
अब सवाल है कि उन गरीबों का क्या होगा जिनको रोज कमाना पड़ता ही है, तभी दाल रोटी की व्यवस्था होती है, घर में चूल्हा जलता है | क्योंकि धारा 144 लगने के बाद कहीं भी जाना गैर कानूनी होगा और गरीब को बिना काम के इक्कीस दिनों तक घर बैठना मुश्किल हो सकता है | कई लोग दुकान में छोटी छोटी वर्कशॉप में काम करते हैं ,जब सब कुछ बंद हो जायेगा तब उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा | मजबूरी में दैनिक जीवन की भरपाई के लिए बाहर निकलना जरुरी हो जाएगा तब प्रधानमंत्री की 21 दिनों वाली लॉक डाउन घोषणा का उलंघन होगा | कई लोग अपने कार्यस्थल में जाने के लिए डर रहें हैं, क्योंकि लॉक डाउन की घोषणा के बाद पुलिस सक्रिय हो गयी है | दैनिक मजदूरी करने वालों को बहुत परेशानी हो सकती है क्योंकि पुलिस को भीड़भाड़ को रोकने का जबरदस्त दबाव होगा , लगभग ऐसे ही दबाव अस्पतालों में होगी | ऐसी स्थिति में आम जनता को बाहर जाने का स्पष्ट कारण प्रशासनिक अधिकारी को बताना होगा |
तीन गुना की दर से सब्जी की बिक्री
दूसरी तरफ कुछ इलाकों में अवसरवादी लोग सक्रिय हो गये है और मनमाने दाम में सामान सब्जी की बिक्री कर रहें है और कुछ लोग सामाग्री न मिलने का भय दिखा रहे हैं | इस स्थिति में सरकार को कुछ करना चाहिए | ताकि आवश्यक सामग्री उनके घरों के आसपास सामान्य मूल्य में उपलब्ध हो जाए | क्योंकि लोंगों का कहना है बाज़ार बंद हैं और कुछ सब्जी वाले चुपके चुपके लोंगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए सब्जी 3 गुना मूल्य पर बेच रहे हैं |
21 दिनों तक बिना सब्जी राशन के लोंगों का जीना मुश्किल हो जायेगा | किसी भी हालत में भीड़ बनने से रोकना होगा , जब मानव से मानव संपर्क नहीं हो पायेगा, कोरोना को फैलने के लिए माध्यम नहीं मिलेगा तो स्वयं ही वायरस के जीवन चक्र टूट जायेंगे | कोरोना का अंत भी हो जायेगा | (फोटो साभार पिक्साबे फ्लिकर और न्यू फोटोग्राफरस)
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